५-जून-११
छोटी बेटी के बेंगलोर जाने का दिन आ गया । घर से निकलते ही वो नम आँखों से इधर-उधर देख रही थी । भाई का अगले दिन इम्तिहान था , इसलिए एयरपोर्ट तक छोड़ने न आ सका , गाड़ी तक आया और एक दम पलट कर चला गया , जैसे आँखें मन की चुगली कर देंगीं ..इस बात से बच रहा हो । रास्ते में मैंने कहा , आज ये दूसरी चिड़िया भी पहली बार उड़ने जा रही है । बड़ी बेटी ने कहा ' और वो आपका चिड़ा ! , वो तो पंख उगने से पहले ही उड़ गया है , प्रीमैच्योर बेबी है न ' ( उसका इशारा बेटे की तरफ था , जो आधा सी.ए.आधा बी .कोंम.करके ही , इन्डसट्रिअल ट्रेनिंग में मुम्बई में अच्छी खासी सैलरी ले रहा है )। हम सब हँस पड़े । माहौल को हल्का करने की कोशिश जैसी लग रही थी ।
छोटी बेटी ने सुबह से कुछ खाया न था । चाकलेट मिल्क भी लिया तो दो घूँट भर कर रख दिया , कहा कि मन नहीं है । एयरपोर्ट पर उसके बोर्डिंग पास लेने तक ग्लास के पार से हम देखते खड़े रहे । जब मोबाइल पर अलविदा कहने लगे तो बेटी ने मुँह दूसरी तरफ कर के बात की , जैसे छलछलाती हुई आँखों को छिपा रही हो । सबकी जिन्दगी में ये दिन जरुर आता है , जब छात्र जीवन को , माँ-बाप के साथ को और न जाने कितनी यादों को अलविदा कहनी पड़ती है । ये जंक्शन कभी बड़ा सुहाना लगता है , फिर भी डर सा लगता है । ये भी लगता है कि हम क्यों बड़े हो गए ।
एक बार फिर जा रही हो , दूर तुम अपनों के साथ से
तन्हा चलना नहीं जिन्दगी का नाम
सितारे हिलने लगे
किस्मत के नज़ारे मिलने लगे
मिलती है जिन्दगी अपनी शर्तों पर
नर्म पड़ने लगा है खुदा , इशारे मिलने लगे
वो कुवैत की लड़की सा धूप में , स्टोल से चेहरे गर्दन को लपेटे तुम
प्यूमा की चप्पलें पहन हवाई उड़ान को तैयार तुम
नन्ही चिड़िया कब बड़ी हो गई
बाहें फैलाए हुए , बुलाते हुए आसमान लगे
वो मैंगो-शेक की दुकान पर मुझे ले जातीं हुईं तुम
वो बैग-पैक लिये मुझे घर की खरीद-दारी करातीं हुईं तुम
भाई से गुप-चुप बातें करतीं हुईं तुम
अपनी दीदी के लिये फ़्लैट ढूँढतीं हुईं तुम
और दीदी का नेट पर तुम्हारे लिये परदेस में आसरा तलाशना
किस किस को करें याद
मेरी बिटिया , गम नहीं करना
होता है सबके साथ यही
ये तो जंक्शन है नए पुराने का
वो खजाना है तुम्हारी यादों का
और ये है आगे चलने की डगर
तय करने होंगे अब ऊंचाई के सफ़र ,
और क़दमों तले दुनिया सारी
सजदे में खड़ी हैं दुनिया की न्यामतें
बारिश हो तुम पर मेहरबानियों की
रौशनी ही रौशनी से भरा ये जहान लगे
भाई से गुप-चुप बातें करतीं हुईं तुम
अपनी दीदी के लिये फ़्लैट ढूँढतीं हुईं तुम
और दीदी का नेट पर तुम्हारे लिये परदेस में आसरा तलाशना
किस किस को करें याद
याद आयेंगे जब जब गुजरे लम्हे
आँखें हो जायेंगी नममेरी बिटिया , गम नहीं करना
होता है सबके साथ यही
ये तो जंक्शन है नए पुराने का
वो खजाना है तुम्हारी यादों का
और ये है आगे चलने की डगर
घर लौटी तो याद आया
कान दर्द करते हैं तुम्हारे हवाई उड़ानों मेंतय करने होंगे अब ऊंचाई के सफ़र ,
आगे है तुम्हारा सुनहरा भविष्य
और क़दमों तले दुनिया सारी
सजदे में खड़ी हैं दुनिया की न्यामतें
बारिश हो तुम पर मेहरबानियों की
रौशनी ही रौशनी से भरा ये जहान लगे
तुम्हे अपने दम पर
भावुक पलो को अच्छे शब्दो मे पिरोया है.
जवाब देंहटाएंआगे है तुम्हारा सुनहरा भविष्य
जवाब देंहटाएंऔर क़दमों तले दुनिया सारी
सजदे में खड़ी हैं दुनिया की न्यामतें
बारिश हो तुम पर मेहरबानियों की
रौशनी ही रौशनी से भरा ये जहान लगे
bahut bahdiya....
याद आयेंगे जब जब गुजरे लम्हे
जवाब देंहटाएंआँखें हो जायेंगी नम
मेरी बिटिया , गम नहीं करना
होता है सबके साथ यही
ये तो जंक्शन है नए पुराने का
वो खजाना है तुम्हारी यादों का
और ये है आगे चलने की डगर
वास्तव में आँखें नम होती हैं बेटी से जुदाई पर.
आपकी सुन्दर भावना और जज्बे को प्रणाम.