फेंगशुई की चीजें लाफिंग बुदधा,कछुआ ,विंड-चाइम आदि घरों में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए रखने का खूब प्रचलन हो गया है | इसमें कोई बुराई नहीं है | ये हमारी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने की चाह को प्रर्दशित करता है , ये तय है | रुक कर सोचें , हम जीती-जागती सकारात्मक ऊर्जा की तो अवहेलना करते रहते हैं | जो शरीर रूपी आत्माएँ हमारे आस-पास हैं , हमारी प्रारब्ध या यूं कहिये कर्मों के लेखानुसार हमसे सम्बन्ध बनाती हैं ; चतुराई कर-कर के हम उनसे नकारात्मकता प्राप्त करते रहते हैं | यहीं अगर हम उन्हें उनकी आशा के अनुरूप आदर देते या तृप्त करते तो क्या आशीर्वाद न पाते ? ईश्वर ने इतनी सकारात्मक ऊर्जा हमारे आस-पास बिखेरी है कि उनके दो शब्द भी जादू का असर रखते हैं | ये तो प्रत्यक्ष प्रभाव है और स्वीकार भाव व आशीर्वाद तो जिन्दगी में अप्रत्यक्ष रूप से मीलों दूर तक चलने का प्रभाव रखते हैं |
अगर हम ईश्वर की सत्ता को उसकी बनाई दुनिया में देखते हैं और उससे संतुलन बना कर चलते हैं , तो पाते हैं कि मन बेहद शांत है | ईश्वर की मर्जी में अपनी चाह मिला लेने से , सुख दुःख आने पर हलचल होती तो है , पर साथ ही शान्त करने वाले विचार भी आते जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का पलड़ा भारी होता जाता है | अपने साथ ईमानदार रहना ही अपनी आत्मा को बल प्रदान कर सकता है | यही ईश्वर से लय मिलाना है जो एक स्थाई आनन्द दे सकता है |
सही लिखा है, हमें खुद को सुधारने एवं सकारात्मक बर्ताव करने का प्रयास करना चाहिए. आभार.
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