शनिवार, 24 अप्रैल 2021

ज़िन्दगी एक बार , तो क्यों सोचें दो बार


कोविड की लहर उठी है , आपको भी सदभावना की लहर उठानी है । ये भी सच है कि आपको खुद को सुरक्षित साइड रखना है मगर ये भी तय है कि इस लहर में कौन-कौन बच रहेगा और कौन-कौन इसके साथ जायेगा।ज़िन्दगी जो एक बार ही मिली है तो ज़्यादा सोचें मत , जो अच्छा कर सकें , कीजिए।कोई अफ़सोस या किसी अपराध बोध को जगह मत दीजिए। इंसानियत बची तभी इन्सान बचेंगे ।आलोचना में कुछ नहीं रखा । हम आप से ही सरकार बनी है , संसार बना है । हम आप ही व्यवस्था के लिये ज़िम्मेदार हैं ।किसी दिल को बदलना है तो पहले खुद को बदलिए ।ये मुश्किल वक्त है , सहयोग से कटेगा ।


मेरे देश का इक इक नागरिक लड़ रहा है लम्बी लड़ाई
खतरे में है वजूद
अदृश्य है दुश्मन
बचा रहे इन्सान का नामों-निशाँ

आओ सब एक साथ
भूल कर सारे भेद , बैर-भरम
सिर्फ हौसले की जंग काफी नहीं
जुनूने-जोश की भाषा समझता है दिल
प्रेरणा ही वो शय है जो जीत का सबब बनती है
जीतेंगे हम , मनुष्य की लड़ाई है मनुष्यता के लिए
इन्सान बचाओ , इंसानियत बचाओ
Save humans , Save humanity