किसी भी मुहँ से उसका बखान हो , क्या फर्क पड़ता है , बस समझ में आये .....अनुभव कर सकें | शब्द देने वाला कौन .... प्रेरणा देने वाला वही , रास्ता दिखाने वाला वही ...
शब्दों में कह रहा है अशब्द अपना रूप
इतने रूपों में बह रहा है वो एक ही अरूप
कितना है अव्यक्त वो आँखों में देह की
व्यक्त है वो बस बन्द आँखों में नेह की
निः शब्द होता मन तो मिलता असीम से
प्रतिध्वनित होता ब्रह्म तो आत्मा की पहचान से
उत्सव है साँस-साँस पर अशब्द की मुरली की तान पर
आँख-कान बन्द हैं अशब्द की गाथा के गान पर
गहन भाव!!
जवाब देंहटाएंवह अशब्द सब कुछ कहे पर सुनता है कौन?
जवाब देंहटाएंहोतीं बातें तब अधिक जब होते हैं मौन।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com